डाँक्टर बहन की चुदाई

डाँक्टर बहन की चुदाई

 यह बिल्कुल सच्ची स्टोरी है,
मेरी उम्र अभी 22 साल है और दीदी की 26 साल है वो जब चलती है तो ऐसा लगता है मानो गिलहरी चल रही हो टाइट जीन्स में तो गांड देखते ही बनती है जो भी उन्हे देखता है बस देखता ही रह जाता है में दावे के साथ कह सकता हूँ की जो भी उनकी मस्त गांड के दर्शन कर लेता है उसका तो पेंट में ही छूट जाता है सभी लड़कियाँ उनसे जलती है ऐसा मेरे जीजा जी का कहना है.

उनका फिगर 36-26-36 है 6 साल पहले सुहाना दीदी अपने घर पर आई हुई थी। वो बाहर पढ़ती थी तो छुट्टियों में घर पर आ जाती थी में फटाफट से अपना स्कूल ख़त्म करके मामा के यहाँ पहुँच गया गर्मी बहुत थी तो में बड़ी मुश्किल से पसीने में दीदी के वहाँ पहुँचा जाते ही दीदी ने पंखा चला दिया और मुझे पानी दिया सुहाना दीदी पहली बार कॉलेज जाने के बाद घर पर आई थी चेहरे पर अलग ही ग्लो आ गया था बाकी जगह यानी की चूची गांड पर नजर पड़ते ही मुझे एकदम से झटका लगा उनमें थोड़ा-थोड़ा गठीलापन और कसावट आ गयी थी सुहाना दीदी ने बिल्कुल ढीली टी-शर्ट पहनी हुई थी वो भी बिना ब्रा के मुझे इसलिये पता है बिना ब्रा के क्योंकि निप्पल साफ साफ एक अलग ही टेंट बना रहे थे.

मेरी नज़र को दीदी ने भाँप लिया और थोड़ा घूरते हुये मुझे देखने लगी में समझ गया की में पकड़ा गया हूँ मैने नज़रे झुका ली और इधर उधर देखने लगा सुहाना दीदी मेरे सामने आ कर बैठ गयी और थोड़ी झुकी तो उनकी चूचीयाँ उनकी साँसों के साथ हिलने लगी जिसे देख कर में मदहोश होने लगा पर मेने अपने आप को संभाला और वहाँ से उठ कर उपर चला गया उपर मेरे कज़िन बेडमिंटन खेल रहे थे शेड के नीचे.

मैं भी वहाँ जा कर खेलने लगा तभी दीदी आ गयी शायद उन्होने ब्रा पहन ली थी क्योकी अब निप्पल नही दिख रहे थे थोड़ी देर में शूटल खराब होने वाली थी 1-2 गेम की ही उसमे जान रह गयी थी सुहाना दीदी को पता था की कभी भी शूटल खराब हो सकती थी तो वो नीचे चली गयी मेरे कज़िन ने मुझसे कहा की जाओ और स्टोर में से और शूटल या फिर स्माल बॉल्स ले आओं में नीचे गया स्टोर का गेट बंद था जैसे ही मैने गेट को धक्का मारा मेरे तो होश ही उड़ गये सुहाना दीदी टॉपलेस मेरे सामने खड़ी थी मेरे अन्दर घूसते ही वो मेरी तरफ मूडी और मुझे वो दो जन्नत का रस रखने वाले आम दिख गये क्या लग रहे थे वो एकदम गोरे-गोरे और उन पर लाइट और डार्क ब्राउन कलर मिक्स दो मीडियम साइज़ निपल्स मेरा तो लंड खड़ा ही हो गया था मन तो कर रहा था की जा के उनको चूस लूँ पर सुहाना दीदी ने हड़बडाते हुए क्रॉस स्टाइल में अपनी चूचीयों को ढाक लिया और मुझे गुस्से से देखा जिसमे थोड़ी शरारत भी मिली हुई थी.

सुहाना दीदी ने मुझसे पूछा की क्या कर रहे हो यहाँ पर पर में तो किसी और ही दुनिया में था शायद काफ़ी बार उन्होने मुझसे ये पूछा जब मैने कोई जवाब नही दिया तो वो चिल्लाई और मैं होश में आ गया मैने कहा स्माल बॉल्स लेने आया था सुहाना दीदी ने कहा की यहाँ कोई बॉल्स नही है तो मैने ना जाने कैसे कह दिया – है तो सही 2 बड़े– बड़े इतना कहते ही में वहाँ से भाग गया और उपर आ गया थोड़ी देर में सुहाना दीदी 2 बॉल्स ले कर उपर आ गयी अब वो चेंज करके आई थी यल्लो सूट विद कढ़ाई ओंर दुप्पटा और बॉल्स मेरे कज़िन को दे के वो मेरे पास आई और मुझे गाल पर किस किया और बोली की वो 2 बॉल्स अभी किसी और की अमानत है जब वो कोई अमानत का मज़ा ले लेगा तब मुझे भी उनके साथ थोड़ा खेलने का मौका मिलेगा.

ये सुनकर तो मेरे कान ही धन्य हो गये पर उसके बाद कुछ अजीब ही हुआ सुहाना दीदी ने ना तो कभी कुछ दिखाया और ना ही कभी उस बारे में बात की 5 साल बाद यानी की लास्ट साल फरवरी में मेरी भी जॉब लग गयी और 2 साल पहले उनकी भी शादी हो गयी मैं बहुत रोया इसलिये नही की वो विदा हो गयी बल्कि इसलिये की उस जन्नत को में पा ना सका और वो जन्नत मुझसे दूर जा रही थी खैर कहते है सब अच्छे के लिए होता है और शायद मेरा अच्छा भी यही था में दिल्ली मे एक रियल इस्टेट कंपनी मे काम करने लगा सुहाना दीदी गुडगाँव में रह रही थी में शुरू में तो 6 महीने कभी उनके पास गया नही पर लास्ट दिसम्बर में जाना हुआ। जीजा और भांजा शादी मे अपने गावं जा रहे थे और गुडगाँव में सुहाना दीदी अकेली रह जाती उनके पेपर थे इसलिए वो नही गयी उन्होने मुझे फोन किया.

मैं उनकी आवाज़ सुन के बहुत खुश हो गया आवाज़ सुनते ही मेरे मन मे उनका चेहरा और फिगर दोनो याद आ गये हाल चाल पूछने के बाद उन्होने मुझे अपनी प्रोब्लम बताई मेरी तो जैसे लॉटरी ही लग गयी मैने तुरंत हाँ कर दी अब में ये सोच रहा था की कैसे सुहाना दीदी को चोदा जाये मैने एक प्लान बनाया ठंड काफ़ी थी तो मैं लगभग शाम को 6 बजे सुहाना दीदी के यहाँ पहुँच गया दीदी को देखा तो मैं तो पागल हो गया चूचे जैसे रसीले आम होंठ जैसे गुलाब की पंखुड़िया हाथ एकदम गोरे-गोरे और मुड़ते ही जो उनकी गांड दिखी वो भी चलते हुए ओये होये में तो आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था तरबूज़ जैसी गांड को देख के कौन कमबक्त अपने आप पर कंट्रोल रख सकता है और उपर से टाइट टी शर्ट और लो लेंग्थ केप्री बस अब तो कंट्रोल नही हो रहा था मन कर रहा था की पकड़ के चोद दूं पर में मज़ा लेना चाहता था जल्दबाज़ी क्या है.

सुहाना दीदी ने मुझे पानी दिया और जा के चाय बनाने लगी आज तो उनका फिगर कुछ ज़्यादा ही कयामत लग रहा था उन्होने कहा की में फ्रेश हो जाउं फिर दोनो साथ बैठ के चाय पीयेगे मैने ओके कहा टावल लिया और जैसे सोचा था अपने मोबाइल में 7 मिनिट के बाद की फेक कॉल एक्टीवेट करके मोबाइल बाथरूम के पास वाले कमरे में टेबल पर रख दिया में बाथरूम में गया कपड़े उतारे और नहाने लगा 7 मिनिट के बाद मोबाइल बजा सुहाना दीदी ने आवाज़ लगाई फोन बज रहा है अटेंड कर लो शायद ज़रूरी होगा अंदर जाते ही में सारे कपड़े उतार चुका था और मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा हो चुका था में आपको बता दूं मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है मोटा कुछ ज़्यादा ही है तभी में बाहर आ गया टावल लपेट के मैने फोन उठा लिया और झुठ मूठ की बात करने लगा.

सुहाना दीदी रसोई में खड़ी हो के बार बार मुझे ही देख रही थी में भी चोरी-चोरी उन्हे देख रहा था तभी मैने चोरी से अपना टावल गिरा दिया मेरा तना हुआ लंड हवा में लहरा गया पर में दिखाने लगा की मुझे कुछ पता नही है और में फोन पर बिज़ी हूँ लगभग 10 मिनिट तक में फोन पर बात करता रहा और सुहाना दीदी मेरे लंड को निहारती रही 10 मिनिट के बाद मैने फोन काट के रख दिया और एकदम से हैरान हो गया की मेरा टावल गिर गया है मैने सुहाना दीदी को देखा वो शर्म से लाल हो गयी थी मैने फटाफट से टावल लपेटा और बाथरूम में चला गया नहा कर मैं कपड़े पहन कर बाहर आ गया और ड्रॉइग रूम में बैठ गया अब मुझे सुहाना दीदी के रियेक्शन का इंतज़ार था वो चाय ले कर बेडरूम में आ गयी.

मेरी आँखे खुली रह गयी थी उन्होने ब्रा निकाल दी थी अब उनकी चूचीयों को मैने अपनी आँखों के सामने फिर से पाया निपल्स एकदम टाइट लग रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे टी-शर्ट फाड़ के बाहर आ जायेगे चलते हुए जब चूचीयाँ हिल रही थी तो बस क्या बताऊँ आपको मैं तो पागल हुआ जा रहा था सुहाना दीदी मेरे सामने आ कर बैठ गयी 6 साल पहले वाली घटना मेरी आँखों के सामने फिर से आ गयी पर आज मैं भागा नही मैने चाय की सीप भरी और हमारी बातचीत कुछ इस तरह शुरू हो गयी.

मैं – आई एम सॉरी सुहाना दीदी टावल कब गिरा मुझे पता नही चला.

सुहाना दीदी – इट्स ओके कोई बात नही ऐसा होता है कई बार तो मेरा टावल भी ऐसे ही गिर जाता है और तुम्हारे जीजा जी का भी.

मैं – सच में, अगर आपका गिर जाता है तो जीजा जी क्या रियेक्शन देते है.

सुहाना दीदी – संत, इस बात को यहीं ख़त्म कर दो.

मैं – ओह! सॉरी अगेन.

सुहाना दीदी – ( हंसते हुए)- स्टुपिड! में मज़ाक कर रही थी पूछो क्या पूछ रहे थे?

मैं – कुछ नही.

सुहाना दीदी – अब नखरे मत करो जब मैं कह रही हूँ की पूछो.(गुस्से में)

मैं – कुछ नहीं बस में तो यह पूछ रहा था की अगर आपका टावल ऐसे गिर जाता है तो आप भी क्या सॉरी माँगते हो क्या जीजा जी से.

सुहाना दीदी – नही.

मैं – तो फिर.

सुहाना दीदी – वो कहते है की आज क्या हो गया है कॉलेज ऐसे ही जाओगी क्या? और मैं कहती हूँ हाँ अगर ऐसे चली गयी तो शाम तक कई लड़के मेरा धन्यवाद कर रहे होंगे.

मैं – तो जीजा जी क्या कहते हैं?

सुहाना दीदी – वो कहते है उनके धन्यवाद को छोड़ो में तुम्हे धन्यवाद देता हूँ.

मैं कहती हूँ किस लिये तो वो कहते है आज मुझे सवेरे– सवेरे जन्नत के दर्शन जो हो गये हैं.

मैं- सच, ऐसा कहते है जीजू.

सुहाना दीदी – हाँ, बिल्कुल ऐसे ही.

मैं – कितने लकी हैं जीजू.

सुहाना दीदी – वॉट डू यू मीन?

मैं – आई मीन उन्हे रोज सवेरे आपसे इन्स्पिरेशन जो मिलती है और एनर्जी और फ्रेशनेस भी.

(फ्रेंक होते हुए)

सुहाना दीदी – चुप पागल.

मैं- अच्छा में कहूँ तो पागल और अगर जीजू कहें तो?????

सुहाना दीदी – वो मेरे पति हैं.

मैं – तो क्या हुआ?

सुहाना दीदी – तू मेरा भाई है.

मैं – कज़िन भाई और वैसे भी कज़िन तो आपस में शादी तक कर लेते है और आप तो

सुहाना दीदी – अच्छा बड़ा बोलने लग गया है तू तेरा मुँह बंद करना पड़ेगा.

मैं (हंसते हुए) – तो करो ना.

सुहाना दीदी – मुझे आराम से थप्पड़ मारने लगी.

सुहाना दीदी (एकदम से) – 2 इंच का लंड और बातें देखो.

मैं (में चोंक गया ) – मैने कहा यह क्या कह रहे हो?

सुहाना दीदी – सॉरी.

मैं – इट्स ओके बट टेल मी इज माई लंड रियली स्माल.

सुहाना दीदी मुझे घूरने लगी.

सुहान दीदी – सच कहूँ तो बड़ा मोटा है तेरा लंड तेरे जीजा का तो बिल्कुल पतला है

मज़ा ही नही आता.

मैं – आपने कभी मुझसे ये बात क्यों नही की की आप जीजा जी से संतुष्ट नही हो.

सुहाना दीदी – डरती थी कहीं तेरा भी छोटा निकला तो मेरा तो सपना ही टूट जायेगा.

मैं – अच्छा तभी आपने स्टोर रूम में मुझे अपनी चूचीयाँ दिखा कर मेरे लंड का अनुमान लगाना चाहती थी.

सुहाना दीदी – क्या कहा तूने? चूचीयाँ बेशर्म कहाँ से सीखा ये सब ऐसे बोलते है चूचीयाँ आगे से ऐसे बोला तो तेरा मुँह तोड़ दूँगी.

मैं – अच्छा तो फिर क्या कहूँ?

सुहाना दीदी – बूब्स अंडरस्टॅंड.

मैं – ओके और गांड.

सुहाना दीदी- बंप/बट. तुम्हारी भाषा सही करो.

मैं – ओके

सुहाना दीदी – तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?

मैं – ना टाइम ही नही मिलता.

सुहाना दीदी – तभी तेरा लंड इतना अच्छा है.

मैं – लंड नहीं डिक कहो.

सुहाना दीदी – ओके मेरे प्यारे भैया.

मैं – आपको पसंद है मेरा लंड ओ डिक.

सुहाना दीदी – हाँ और तुझे मेरे बूब्स और बट?

मैं – बहुत मैं तो सालों से आपको फुक करने के सपने देख रहा हूँ पर आपने कभी चान्स ही नही दिया.

सुहाना दीदी – तो अब चान्स है ना जिन्हे बार- बार अपनी शैतान नज़रों से घूरता रहता है आज उनसे मज़े कर ले.

मैं – तो चलो हो जाओ शुरू.

मैने सुहाना दीदी की टी-शर्ट उतारी टी-शर्ट उतरते ही उनके चूचे जो हीले तो मेरा तो दिल ही बाहर निकल आया मैं उन्हे मुँह में लेकर चूसने लगा एक-एक करके दोनो को खूब दबाया और चूसा सुहाना दीदी की आँखे बंद थी और मुँह से आवाज़ निकल रही थी—आआअहह, ऊऊओउूऊचह मज़ाआआ आआआअ रहा है ज़्यादा मत ज़ोर लगाओ में कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ फिर मैने उनके गुलाबी होठो को चूसा जीभ से जीभ लगाई और हाथों से साथ-साथ उनके चूचे दबाये उन्होने मेरी केप्री को उतार कर मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसे देख कर बड़ी हैरान हुई उन्होने बिना कुछ कहे उसे मुँह में ले लिया और बड़े चाव से चूसने लगी जैसे छोटा बच्चा लॉलीपोप चूसता है 25 मिनिट तक वो चूसती रही.

फिर मेरा उनके मुँह में ही छूट गया वो बोली – ये तो बिल्कुल नमकीन है मैने उन्हें बेड पर लेटाया और दोनो टांगे ऊपर पंखे की तरफ करके उनकी केप्री और पेंटी उतार दी क्या मस्त चिकनी चूत थी और वो भी गुलाबी मैं उसे चाटने लगा वो सिसकारियाँ भरने लगी ऊऊऊईईईईई आआआआअहह हहाआययययययईईई म्म्म्म ममममाओंररररर गयययययईई 20 मिनिट में वो 2 बार झड़ गयी फिर मैने उन्हें घोड़ी बना कर अपना 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटे लंड का सूपड़ा उनकी चूत के मुँह पर रखा और एकदम से पेल दिया सुहाना दीदी चिल्ला पड़ी पर में कहाँ थमने वाला था उनकी चीखों से सारा कमरा गूँज गया लगभग मैने उन्हे लगातार 3 घंटे तक चोदा.

3 घंटे में मेरा 4 बार और सुहाना दीदी का 5 बार पानी निकला 3 घंटे बाद दोनो एक दूसरे की बाहों में पड़े- पड़े सो गये मैं उनकी चूचीयों के बीच में सर रख कर सो गया आह क्या गद्देदार मजेदार चूचियां थी और सेक्स की खुशबू पूरे कमरे में महक रही थी तो यह थी मेरी स्टोरी इसका अगला भाग दूसरी स्टोरी में बताऊंगा..